Divyang Facility Committee

क्रमांक

नाम

पद

1.

डॉ. इन्द्रजीत सिंह

समन्वयक

2.

डॉ. सुशील सिंह

सदस्य

3.

डॉ. अजय कुमार सिंह यादव (बी०एड०)

सदस्य

4.

डॉ. उमेश चतुर्वेदी

सदस्य

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अशक्त-जन सुविधा नीति

(Facilities for Person with Disabilities Policy)

सकलडीहा पी0जी0 काॅलेज, सकलडीहा-चन्दौली अपने ’विजन’ एवं ’मिशन’ के अनुसार ’सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय’ की अवधारणा को महाविद्यालय में मूर्त रूप देता है और यह मानता है कि समाज के सभी अंगों का समावेशी विकास ही समाज का वास्तविक विकास है। Rights of Persons with disabilities Act, 2016 शारीरिक एवं मानसिक रूप से अशक्त व्यक्तियों के प्रति भेद-भाव को प्रतिबंधित करता है। अतः महाविद्यालय के कर्मचारियों, शिक्षकों एवं छात्र/छात्राओं द्वारा अशक्त-जन हेतु महाविद्यालय में सदैव एक सकारात्मक एवं समावेशी वातावरण का निर्माण करने का प्रयास किया जाएगा।

 शब्दावली

  • • अशक्तता से तात्पर्य हर-प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक अशक्तता से है।
  • • अशक्त-जन से तात्पर्य सभी अशक्त छात्र-छात्रा, अभिभावक एवं महाविद्यालय स्टाफ से है।

महाविद्यालय अपने विजन एवं मिशन के अनुरूप ’अशक्त-जन सुविधा नीति’ को निम्न रूप में अंगीकृत करता है-

  • • ’अशक्त-जन’ छात्र/छात्राओं, अभिभावकों व स्टाफ के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नही किया जा सकता। यदि किसी के द्वारा ऐसा होता है तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
  • • ’अशक्त-जन’ विद्याथियों को पूर्व से प्रवेश में प्राप्त आरक्षण छूट एवं अधिमानता यथावत् जारी रहेगी।
  • • 50 % से अधिक विकलांगता वाले छात्र/छात्राओं के शुल्क मुक्ति आवेदन को जाॅचोपरान्त स्वीकार कर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी।
  • • 50 % से अधिक विकलांगता वाले छात्र/छात्राओं को महाविद्यालय द्वारा छात्रवृत्ति की व्यवस्था की जायेगी।
  • • अधिकांश कक्षाओं का संचालन भू-तल (Ground floor) पर ही किया जोयगा।
  • • महाविद्यालय में ’अशक्त जन’ के अधिकारों आदि के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा।
  • • अशक्त-जन हेतु रैम्प एवं प्रसाधन (Washrooms) का निर्माण कराया जायेगा।
  • • महाविद्यालय में प्रकाश आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
  • • महाविद्यालय में यथा स्थान प्रदर्शक पटल (Display Boards) एवं संकेत चिह्न ((Signposts) लगाये जायेंगे।
  • • महाविद्यालय द्वारा दो साईकिन (Tri-cycle) की व्यवस्था अंशक्त-जन हेतु की जायेगी।
  • • महाविद्यालय में परिचलन हेतु अशक्त-जन को मानवीय सहायता प्रदान की जायेगी।
  • • परीक्षा के दौरान अशक्त जन को स्क्राइब (Scribe) की सुविधा प्रदान की जायेगी।
  • • अध्ययन/अध्यापन के दौरान वाचक (Reader) की सुविधा दी जायेगी।
  • • ’अशक्त-जन’ विद्यार्थियों को पुस्तकालय से दो अतिरिक्त पुस्तकें एवं अध्ययन सामग्री की E-copies प्रदान की जायेगी।
  • • छात्र एवं छात्रा कामन रूम एवं पुस्तकालय में उनके बैठने की विशेष व्यवस्था बनाई जायेगी।

दिव्यांग प्रकोष्ठ के कार्य

1. दिव्यांग छात्रों की पहचान कर अभिभावकों को उपयुक्त सुझाव देना।
2. दिव्यांग छात्रों के कौशलों की पहचान करना।
3. दिव्यांग छात्रों की आवष्यकताओ,रूचियों और क्षमताओं को पहचानना।
4. दिव्यांग छात्रों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनके लिए उपचारात्मक शिक्षण का उपाय करना।
5. दिव्यांग छात्रों के लिए व्यक्तिनिष्ठ शैक्षिक योजना तैयार करना।
6. भविष्य के लिए योजनाओं के निर्माण में दिव्यांग छात्रों की सहायता करना।
7. महाविद्यालयीय कार्यक्रमों को दिव्यांग छात्रों के अनुरूप बनाना।
8. सामान्य गतिविधियों में दिव्यांग छात्रों की मदद करना।
9. शिक्षण अधिगम एवं पाठ्येतर गतिविधियों में दिव्यांग छात्रों को सहयोग देना।
10. दिव्यांग छात्रों के व्यक्तिगत एवं अधिगम सम्बन्धी समस्याओं के समाधान में उनकी सहायता करना।
11. प्राध्यापकों की सहायता से दिव्यांग छात्रों के लिए विशिष्ट शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण करना।
12. वैकल्पिक शिक्षण रणनीतीयों का डिजाइन बनाना।
13. गैर दिव्यांग विद्यार्थियों में अपने दिव्यांग सहपाठियों के प्रति स्वस्छ सोच विकसित करने के लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम सामग्रियों का उपयोग करना।
14. यदि किसी बच्चे को कोई एसी समस्या है जो साफ तौर से पहचानी नहीं गई है तो उसे विषेशज्ञों से सलाह लेने के लिए भेजने की व्यवस्था करना।
15. दिव्यांग छात्रों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं को हासिल करने में सहायता करना।
16. बच्चों के लिए सामूहिक समायोजन के लिए सामूहिक निर्देशन सुविधा उपलब्ध कराना।
17. दिव्यांग छात्रों के प्रति अभिभावकों,प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों को संवेदनशील बनाना।
18. महाविद्यालय कर्मचारियों को दिव्यांग छात्रों की देखभाल के लिए सलाह देना।
19. शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दिव्यांग छात्रों से सम्बन्धित परामर्श सेवा के बारे में जानकारी देना।
20. महाविद्यालय में बाधारहित वातावरण निर्मित करना।
21. पुस्तकालय को दिव्यांग मित्रवत पुस्तकालय में परिवर्तित करना।